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कभी घुड़सवारी में थी पथराहा पंचायत की पहचान, अब दर्जनों युवा देश की सरहद की कर रहे हिफाजत

 कभी घुड़सवारी में थी पथराहा पंचायत की पहचान, अब दर्जनों युवा देश की सरहद की कर रहे हिफाजत||


कभी पथराहा पंचायत दंबगई व घुड़सवारी के लिए जानी जाती थी, लेकिन अब का माहौल बिल्कुल बदल चुका है। इस क्षेत्र के चार दर्जन युवक सशस्त्र सीमा बल में रहकर सरहद की रक्षा कर रहे हैं। कई युवा सउदी अरब से लेकर महानगरों में काम कर क्षेत्र का नाम रोशन कर रह हैं।

नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र में मुस्लिम और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। बावजूद आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत नेपाल सीमा से सटे पथराहा पंचायत में एक भी यादव बिरादरी के लोग नहीं है। कृषि और बाहर में जाकर मजदूरी करने से सरोकार रखने वाले यहां के ग्रामीण आज भी हर साल बाढ़ से सबसे ज्यादा परेशान होते है। बारिश के दिनों में कई माह तक यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हो जाते हैं। भौगोलिक स्थिति करीब 11 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली पथराहा पंचायत के बीच सुरसर नदी बहती है, जो नेपाल की कोसी नदी से जुड़ती है। इसके उत्तर में बबुआन पंचायत, पूरब में नेपाल के सुनसरी जिले का घुसकी गांव है। पश्चिम में सुपौल जिले का बलुआ बाजार थाना क्षेत्र है और दक्षिण में मानिकपुर पंचायत है। यहां के ग्रामीणों का मुख्य बाजार भूलना और सुपौल जिले के बलुआ बाजार है। ऐतिहासिक पहचान अररिया जिले में नरपतगंज प्रखंड की पथराहा पंचायत का टप्पू गांव व नड़हौवा गांव कभी दबंगों का गांव कहा जाता था। यहां के सैकड़ों लोग घुड़सवारी में महारत हासिल किए हुए थे। कहते हैं इस पंचायत में आने से बाहर के लोग कतराते थे, लेकिन कालांतर में जैसे-जैसे यहां शिक्षा व विकास ने कदम जमाया वैसे-वैसे दबंगों की तस्वीर धुंधली होती चली गई। अब यहां के लोग सऊदी अरब और भारत के महानगरों में जाकर अच्छी कमाई भी कर रहे हैं और क्षेत्र के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी भी दे रहे हैं।पौराणिक पहचान पथराहा पंचायत में सुरसर नदी के तट पर मां काली का भव्य मंदिर है पहले यह मंदिर टीन के भवन में था। कहते हैं महाभारत काल में पांडव की पत्नी द्रोपदी ने अज्ञातवास के दौरान नेपाल में प्रवेश करने के क्रम में यहां माता पार्वती के काली रूप की पूजा की थी। वनवास व अज्ञातवास किस समय में अपने स्वजनों की सुरक्षा की कामना की थी। इसके अलावा इसी पंचायत के गुना बाजार में प्राचीन वैष्णवी दुर्गा मंदिर स्थापित है जिसे राजस्थान के हंसराज तांतेड़ कमल तांतेड के पूर्वजों ने बनवाया था। उसके बाद धीरे-धीरे पंचायत के लोगों ने मिलकर भव्य मंदिर निर्माण कराया। आज भी दुर्गा पूजा के अवसर पर हंसराज तांतेड़ के स्वजन प्रतिवर्ष पूजा-अर्चना करने पथराहा पंचायत का घूरना दुर्गा मंदिर पहुंचते हैं।

पर्यटन स्थल बनने की है अपार संभावना सुरसर नदी के तट पर स्थापित काली मंदिर और इसके इर्द-गिर्द की भौगोलिक दशा व पौराणिक पहचान के कारण इसे पर्यटन स्थल के रूप में उभारा जा सकता है। पहले के जमाने में जब मानव की सभ्यता का विकास हुआ तो यह किसी मीठे जल की नदी घाटी से शुरू हुई थी क्योंकि मंदिर के बगल से सुरसर नदी बहती है और यहां मिनी पावर ग्रिड भी है। ऐसे में यदि सरकार का पर्यटन विभाग ध्यान दे तो कायाकल्प हो सकता है। कम उम्र की ग्रेजुएट महिला मुखिया को लेकर भी है पहचान पथराहा पंचायत की मुखिया रुखसाना परवीन पूरे नरपतगंज प्रखंड की विभिन्न पंचायतों के मामले में सबसे कम उम्र की ग्रेजुएट महिला है, जबकि इनके पति मोहम्मद सज्जाद सबा भी ग्रेजुएट पैक्स अध्यक्ष रह चुके हैं। बड़ी हस्तियों से भी पंचायत का संबंध इसी पंचायत के हरिपुर गांव के चार दर्जन युवा सशस्त्र सीमा बल में हैं, जबकि स्वर्गीय शालिग्राम गुप्ता के पुत्र अजय कुमार गुप्ता जमशेदपुर सेंट्रल एक्साइज में अधिकारी हैं। वहीं उनके एक पुत्र अर्जुन कुमार गुप्ता रांची में व पुत्री अदिति गुप्ता पटना एम्स में चिकित्सक पद पर कार्यरत हैं। इसी पंचायत के मनोज गुप्ता पिता शंभू गुप्ता पटना पीएमसीएच में सर्जन के पद पर कार्यरत हैं। पथराहा पंचायत में हैं घूरना थाना व दो एसएसबी कैंप पथराहा पंचायत में ही घूरना थाना है। वहीं, दो एसएसबी कैंप स्थापित है। घूरना थानाध्यक्ष भुटकुन राय हैं। पथराहा एसएसबी में शिवकुमार यादव व घूरना एसएसबी कैंप में वीरेंद्र कुमार प्रभारी हैं। जल नल योजना शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए पथराहा में जल नल योजना का काम प्रगति पर है। सोलर लाइट नदारद यहां सोलर लाइट नहीं रहने के कारण बिजली चले जाने के बाद पूरा गांव अंधकार में डूब जाता है। यहां सोलर लाइट की आवश्यकता है।

पशु चिकित्सालय क्षेत्र में पशु चिकित्सालय नहीं है। यहां के ग्रामीण मवेशियों का इलाज नरपतगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय में जाकर कराते हैं। बाढ़ की समस्या इस पंचायत की मुख्य समस्या बाढ़ की है। यहां प्रतिवर्ष बाढ़ भीषण तबाही मचाती है। बारिश के दो माह यहां बाढ़ को लेकर त्राहि मच जाती है। बाढ़ का पानी घूरना थाना व एसएसबी कैंप में भी महीने भर तक जमा रहता है। क्षेत्र के किसानों के सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो जाते हैं। सड़क की समस्या घूरना बाजार से नरपतगंज प्रखंड मुख्यालय तक जाने वाली 12 किलोमीटर सड़क काफी जर्जर हो चुकी है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान इस सड़क में मिट्टी वर्क हुआ था, लेकिन मिट्टी भी धीरे-धीरे सड़क से गायब हो गई। घूरना से नवाबगंज पंचायत जाने वाली सड़क के अलावा महत्वपूर्ण सड़क का हाल भी खस्ता है। इसको लेकर पंचायत के मुख्यालय सांसद और विधायक से गुहार भी लगाई, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया। विद्यालय की हालत यहां पांच प्राथमिक विद्यालय, चार मध्य विद्यालय व दो उच्च विद्यालय हैं। प्लस टू के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने के लिए पड़ोसी जिला सुपौल के बिहपुर थाना क्षेत्र स्थित विद्यालय जाना पड़ता है।

पंचायत का नाम: पथराहा जनसंख्या: 20 हजार मतदाता: सात हजार क्षेत्रफल: 11 किलोमीटर स्कूल: हाई स्कूल दो, प्राथमिक विद्यालय पांच, मध्य विद्यालय चार स्वास्थ्य केंद्र: एक

सड़क: पंचायत की सड़क बेहतर पुल पुलिया: बेहतर साक्षरता दर: 55 प्रतिशत मुख्य रोजगार: खेती बाड़ी व अन्य प्रदेशों में मजदूरी मुख्य समस्या: बाढ़

युवाओं की राय - प्रीतम कुमार साह ने बताया कि

पंचायत में बेहतर विकास हुआ है, लेकिन यहां के छात्र-छात्राओं को इंटर व आगे की पढ़ाई के लिए सुपौल जिला जाना पड़ता है जो बारह किलोमीटर दूर है। यदि यहां एक इंटरमीडिएट विद्यालय की स्थापना हो जाए तो शिक्षा क्षेत्र में यह पंचायत काफी आगे होगा। शिक्षा का स्तर बेहतर होगा गांव का नाम और उपर होगा। इसके साथ साथ क्षेत्र में सरकार द्वारा रोजगार के लिए कुछ बेहतर इंतजाम किया जाए ताकि लोग बाहर जाने के बदले यहीं काम करे। विनय कुमार साह ने बताया कि

यहां के अधिकतर लोग कृषि व पशुधन पर आश्रित हैं इसलिए यहां पशुओं की चिकित्सा के लिए पशु अस्पताल की जरूरत है। एपीएचसी में बेहतर सुविधा बहाल की जाए। ताकि लोगों को नरपतगंज प्रखंड मुख्यालय की दूरी तय नहीं करना पड़े। बेहतर इलाज के अभाव में यहां के मरीजों को मौत का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण अरुण सिंह का कहना है कि पंचायत में सड़क, पुल, पुलिया, पौधारोपण व नली काम हुआ है जनरल का काम चल रहा है पंचायत में सोलर लाइट अति आवश्यक है। सभी वार्ड में सात निश्चय का काम हुआ है और अभी भी जारी है। अधिकतर घर अब सड़कों से जुड़ गए हैं। पूरी पंचायत में हर योजना से कार्य हुआ है। पूर्व पैक्स अध्यक्ष सज्जाद सबा का कहना है कि जहां कभी सड़क की कल्पना नहीं की जा सकती थी वहां तक वर्तमान मुखिया के कार्यकाल में सड़क पहुंची है। सरकार की सभी योजनाओं को धरातल पर शत-प्रतिशत उतारने में मुखिया जुटी हुई हैं आशा है पंचायत के ग्रामीणों को कभी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। उनका कहना है कि अगर दोबारा मुखिया हम बनेंगे तो पंचायत के हर वार्ड को मुख्य सड़क से जुड़ेंगे ताकि पूरे जिले में ये पंचायत एक नंबर पर रहे।

कोट- मेरे कार्यकाल में अत्यधिक विकास हुआ है, जो काम पूर्व के मुखिया नहीं करवा सके उसे मैंने पूरा किया है। मेरी इच्छा है कि बड़े शहरों की तरह ही पूरी पंचायत विकास की रोशनी में नहाए। ग्रामीणों की हर समस्या समझती हूं। इस समस्या से मुझे भी कभी दो-चार होना पड़ता है। घूरना बाजार भी कुछ वर्षों में काफी विकसित हुआ है। कई लोग रोजगार से जुड़ गए हैं। क्षेत्र में बाढ़ की समस्या है। इसे भी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। रुखसाना परवीन, मुखिया, पथराहा

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