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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा पैक्स चुनाव

 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए लिटमस टेस्ट साबित होगा पैक्स चुनाव||


अररिया। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव से पहले पूरे जिले में एक ही चरण में होने वाले प्राथमिक कृषि साख समितियों(पैक्स) के चुनाव के चलते चुनावी सरगर्मी बढ़ गईं है। जबकि इस चुनाव में आम मतदाताओं की सहभागिता नहीं होती।फिर भी अगले त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहे संभावित उम्मीदवार व उनके समर्थक काफी सक्रिय हो गए हैं।पहले से कुर्सी पर बैठे पंचायत प्रतिनिधि अपने पसंदीदा प्रत्याशियों की जीत के लिए पूरी ताकत लगा दी है।किसान परिवारो की अहमियत वाले इस चुनाव में केवल सिकटी प्रखंड में 25 हजार से ऊपर सदस्यों को वोट डालना है।यदि गौर करें तो त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के बाद पैक्स चुनाव हीं एक ऐसा चुनाव हैं, जिसमें प्रत्येक घर का कोई न कोई सदस्य सीधे जुड़ा होता है।पंचायती चुनाव के संभावित उम्मीदवार इस चुनाव से अपने वोट बैंक की राजनीति को धार देने के लिए आस लगाएं बैठे हैं। वैसे प्रत्याशी अपने पसंदीदा पैक्स अध्यक्ष की जीत को लेकर काफी परेशान दिख रहे हैं। इस चुनाव में शायद उनका परेशान होना लाजिमी भी, क्योंकि यदि उनके द्वारा चुने पैक्स अध्यक्ष की जीत यदि सुनिश्चित हो जाती है तब उन्हें भी पंचायती चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है। यदि उनके प्रतिद्वंद्वी के उम्मीदवार जीतेंगे तो चुनाव में उन्हें अच्छी खासी परेशानी उठानी पर सकती है। इधर पैक्स मतदाताओं की माने तो किसानों को लाभ पहुंचाने वाले उम्मीदवार को हीं पैक्स अध्यक्ष चुना जाना चाहिए। प्रक्रिया है शुरू सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्र में पैक्स चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।एक हीं चरण में 30 जनवरी से 2 फरवरी तक प्रत्याशी अध्यक्ष सहित अन्य पद के लिए नामांकन दाखिल किया गया। 3 और 4 फरवरी को समीक्षा की गईं थी। 6 फरवरी को नाम वापसी तथा प्रतीक चिन्ह का आवंटन होगा। 15 फरवरी को चुनाव तथा 16 फरवरी को मतगणना का कार्यक्रम निर्धारित है। सभी पैक्स इकाइयों में एक अध्यक्ष और डायरेक्टर 11 पदों के लिए चरणवार साथ-साथ मतदान कराए जाएंगे। सबकी नजर अध्यक्ष के प्रतिष्ठापूर्ण पद पर है। खर्च की सीमा तय राजनीतिक महत्व को देखते हुए पैक्स का चुनाव भी अब काफी महंगा हो चुका है। अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी लाखों रुपये खर्च करते हैं। जानकारी देते प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर ने बताया कि इस बार नामांकन से लेकर मतगणना तक खर्च की सीमा तय कर दी गईं है। अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी अधिकतम 10 हजार रुपये तक खर्च कर सकते हैं। कार्यकारिणी सदस्यों के लिए यह सीमा पांच हजार है।

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